Thursday, October 17, 2019

how to do organic farming in hindi | organic farming in india

 how to do organic farming in hindi | organic farming in india
Organic farming in hindi

नमस्कार किसान भाइयों स्वागत है आप सभी हमारी आज की इस पोस्ट में आज हम जैविक क़ृषि (organic farming ) के विषय में चर्चा करने वाले है और इस पोस्ट के माध्यम से मैं आप सभी को बताऊंगा की जैविक क़ृषि किसे कहते है (what is organic farming ) और जैविक क़ृषि के बारे कुछ अन्य जानकारियाँ वह भी हिंदी मे (organic farming in hindi ) और बाद मैं हम जानेंगे की India मैं जैविक क़ृषि को कैसे कर सकते है ( how to organic farming in India ) |

जैसा आप सभी जानते ही है वर्तमान समय में रासायनिक क़ृषि की अपेक्षा जैविक क़ृषि को अधिक बढ़ाबा दिया जा रहा है और भारतीय सरकार भी जैविक खेती करने के लिए किसानो को क़ृषि केन्द्रो में प्रशिक्षण प्रदान कर रही और आर्गेनिक फार्मिंग करने के लिए किसानो को प्रेरित कर रही है आपको भी समय के साथ अपने क़ृषि के तकनीक में बदलाब करते रहना चाहिए और चूँकि आर्गेनिक फार्मिंग अपने हित है जिससे हमारे वातावरण और खेती को नुकसान नहीं होता है और आर्गेनिक खेती में रासायनिक खेती की अपेक्षा कम खर्च आता है 

वही अगर रासायनिक खेती की बात करें तो रासायनिक दबाई, कीटनाशको, रासायनिक उर्वरको और कई प्रकार की रासायनिक दबाओ के छिड़काव से भूमि की उर्वरा शक्ति कम हो रही और खेती से उत्पन्न अनाज के सेवन से मनुष्यों में नई नई बीमारी उत्पन्न हो रही है इस प्रकार की क़ृषि में खर्च भी बहुत अधिक होता इस लिए आपको आर्गेनिक खेती करनी चाहिए 

अनुक्रम 


Organic farming definition (जैविक क़ृषि की परिभाषा)

जैविक क़ृषि (organic farming) एक ऐसी पद्धति है जिसमे हम रासायनिक उर्वरकों, कीटनाशकों, खरपतवारनाशको एवं अन्य रासायनिक दबाओ के स्थान पर हम क़ृषि के लिए जीवंश खाद, पोषक तत्वों, गोवर की वर्मी कम्पोस्ट से बनी खाद, जीवानु कल्चर हरी खाद, जैसी जैविक उर्वरक का उपयोग करते है जिससे भूमि की उर्वरा शक्ति लम्बे समय तक बनी रहती है और पर्यावरण को भी कोई नुकसान नहीं पहुँचता है और क़ृषि में लागत घटने लगती है और उत्पादन में वृद्धि होने लगती है और क़ृषि में लाभ भी होने लगता है यही जैविक क़ृषि है 

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 organic farming in hindi (जैविक क़ृषि कैसे करें )

जैविक क़ृषि को अपनाना बहुत ही आसान है और इसे करने में काम लागत तो आती ही है साथ ही साथ इसे करने के लिए कुछ खाश प्रशिक्षण की जरुरत नहीं आपके पास अगर थोड़ा बहुत भी ज्ञान है जैविक क़ृषि से सम्बंधित तो आप जैविक क़ृषि कर सकते है और आप समय समय पर क़ृषि विज्ञान केन्द्रो में जाकर क़ृषि अधिकारियो से सलाह ले सकते है 

जैविक क़ृषि आप कर सकते है भारत में लगभग ग्रामीण इलाकों में ही सबसे ज्यादा क़ृषि की जाती है और ग्रामीण इलाकों में सभी के पास मवेशी ( जैसे - गाय, भैंस इत्यादि ) होते ही है अगर आप के पास भी है तो आपको उनको गोबर को एक जगह इकठ्ठा करना है और ध्यान रहे की आप उसमे आप घर का अन्य कूड़ा कचरा और पॉलीथिन जैसे व्यर्थ की वस्तुए ना डाले | और कुछ महीने बाद वही गोबर का ढेर खाद बन जायेगा, जिसको आप अपने खेतो में उर्वरक के स्थान पर उपयोग कर सकते है इस प्रकार की खाद बनाने के लिए आप वर्मीकम्पोस्ट जैसी विधियों का उपयोग कर सकते है 
इस प्रकार की क़ृषि से आपको बहुत सारे मुनाफे होंगे जैसे की जब आपके घर की खाद होंगी तो आपके खाद का खर्च बचेगा, और जिस गोबर की को आप किसी ना किसी स्थान पर फेक देते है और वह आपके काम भी आएगा और इससे स्थान की भी बचत होंगी और इससे आपकी भूमि की उर्वरा शक्ति भी बढ़ जाएगी  

आर्गेनिक फार्मिंग के लाभ (Advantages of farming )

जैविक क़ृषि (organic farming) के बहुत सारे लाभ है और जिसमे से कुछ लाभ निम्न है जो की निचे दिए गए है जो काफ़ी है आपको जैविक क़ृषि को करने के लिए प्रेरित करने के लिए |
  • आर्गेनिक फार्मिंग करने में कम लागत आती है 
  • आर्गेनिक फार्मिंग से भूमि की उर्वरा शक्ति बढ़ जाती है और उत्पादन छमता बढ़ जाती है 
  • इसके उत्पादन से अनाज के सेवन से किसी भी प्रकार की बीमारी नहीं होती है 
  • इससे क़ृषि के उत्पादन की गुणवत्ता में वृद्धि होती है 
  • आर्गेनिक फार्मिंग से पर्यावरण को किसी प्रकार की क्षति नहीं पहुँचती और पर्यावरण की शुद्धता बनी रहती है 

रासायनिक क़ृषि से हानि ( Disadvantages of chemical farming )

रासायनिक से बहुत सी हानिया होती है जो की निम्न है और यही कारण बहुत है रासायनिक खेती के वहिष्कार के लिए और आर्गेनिक खेती को स्वीकार करने लिए |

  • रासायनिक उर्वरको और कीटनाशको, खरपतवारनाशको के उपयोग से भूमि की उर्वरा शक्ति काम हो जाती है 
  • रासायनिक उर्वरक के उपयोग से उत्पन्न अनाज में दबाई का अंश रह जाता है जिसके सेवन से विभिन्न प्रकार की बीमारियों के फैलने का खतरा होता है 
  • रासायनिक फार्मिंग में लागत बहुत ही आती है 
  • रासायनिक कीटनाशको, खरपतवारनाशको के उपयोग से पर्यावरण में प्रदूषण होता है 

आर्गेनिक फार्मिंग को अपनाने के लिए भारत सरकार द्वारा इसे बढ़ावा देने के लिए इसका प्रचार किया जा रहा है और सभी क़ृषि प्रशिक्षण केंद्र में देश भर में जैविक क़ृषि की तकनीक और जैविक खेती को कैसे करें इसके बारे में फ्री प्रशिक्षण दिया जा रहा और आपको भी आर्गेनिक फार्मिंग करना चाहिए |

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Conclusion 

मुझे उम्मीद है किसान भाइयों आपको हमारे द्वारा दी गयी आज की जानकारी पसंद आयी होंगी जिसमे हमने आपको बताया की आप आर्गेनिक फार्मिंग इंडिया में कैसी कर सकते है (organic farming in india) जिस्में हमने आपको आर्गेनिक फार्मिंग से महत्वपूर्ण जानकारी हिंदी में बतायी है (organic farming in hindi ) अगर आपको हमारी ये पोस्ट पसंद आयी हो तो जरूर इसे अपने दोस्तों के साथ शेयर करें और इसी तरह की क़ृषि और क़ृषि लोन से सम्बंधित जानकारी के लिए हमारे साथ बने रहिए|

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